समन्वय वाणी प्रकाशन के 44 वें साल पर जैन पत्रकारिता गोष्ठी सम्पन्न
जयपुर। 7 अप्रैल 24 को समन्वय वाणी फाउंडेशन, अ.भा.जैन पत्र संपादक संघ तथा विद्वत्परिषद के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित समन्वय वाणी के 43 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में- जैन पत्रकारिता- दशा एवं दिशा- विषय पर संगोष्ठी सम्पन्न हुई जिसके अध्यक्ष- वरिष्ठ पत्रकार मिलापचन्द डंडिया, मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार प्रवीणचन्द छाबड़ा तथा विशिष्ट अतिथि तीर्क्ष क्षेत्र कमेटी, महावीरजी क्षेत्र कमेटी के पूर्व अध्यक्ष एन.के. सेठी थे। डा.अखिल बंसल एवं जिनकुमार शास्त्री ने समस्त अतिथियों का स्वागत एवं मंगलाचरण डॉ. श्रुति जैन ने किया। सर्व प्रथम जर्नलिस्ट डॉ. अखिल बंसल ने समन्वय वाणी की संघर्षमयी 43 साल की विकास यात्रा प्रस्तुत की। स्मरण रहे कि समन्वय वाणी का प्रथम अंक 5 अप्रैल 1981 को प्रकाशित हुआ था। पत्रिका के उद्भव एवं विकास में राजस्थान के भूतपूर्व मंत्री त्रिलोकचन्दजी जैन, मिलापचन्द डंडिया, प्रवीणचंद छावडा, डा.संजीव भानावत,पं.बंशीधर शास्त्री, पं.भंवरलाल पोल्याका, रतनलाल कटारिया विनयचन्द पापडीवाल, बाबू जुगल किशोर युगल, श्रीमती शैल बंसल आदि के प्रारंभिक योगदान को उल्लेखित किया। समन्वय वाणी के पता नहीं