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अप्रैल, 2017 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी द्वारा ब्राह्मण समाज पर की गयी टिप्पणी के विरोध में राजस्थान ब्राह्मण महासभा, अजमेर के प्रतिनिधी मण्डल ने मुख्यमंत्री के नाम उनके एडीसी सहित, राजस्थान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित, नेता प्रतिपक्ष रामनारायण डूडी सहित प्रदेश के विभिन्न नेताओं को भी ज्ञापन दिया|

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मामले में 15 दिन से भी अधिक होने एवं उच्च स्तर पर मांग के बावजूद कोई ठोस  कार्यवाही  ने होने पर समाज में रोष  जयपुर|  राजस्थान ब्राह्मण महासभा अजमेर के प्रतिनिधी मण्डल ने शिक्षा राज्य मंत्री देवनानी द्वारा ब्राह्मण समाज पर कि गयी अपमानजनक टिप्पणी के विरोध में जयपुर जाकर मुख्यमंत्री व अन्य पदाधिकारियों को  दिनांक 25 अप्रेल को एक ज्ञापन सौंपा।  राजस्थान ब्राह्मण महासभा, जिला अजमेर के अध्यक्ष सुदामा शर्मा द्वारा गठजोड़ को दी गई जानकारी में बताया गया की शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी द्वारा गलती स्वीकार नहीं करने व सरकार द्वारा कोई कदम नहीं उठाने पर यह निर्णय लिया गया। श्री शर्मा ने बताया कि गत 8 अप्रैल को जयपुर में एक कार्यक्रम में पत्रकारों द्वारा शिक्षा राज्य मंत्री मंत्री देवनानी से उनके प्रोफेसर होने के बारे में जानकारी चाही थी और बोखलाहट में उन्होने ब्राह्मण समाज द्वारा पंडित शब्द लगाने को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की|  माननीय उच्च न्यायालय में स्वंय को प्रोफेसर घोषित करने के विरूद्ध ब्राह्मण समाज के व्यक्ति ने रिट दायर की एवं माननीय न्यायालय द्वारा देवानानी को नोटिस जा

जानिए जीएसटी के बारें में विस्तार से, जीएसटी का उदभव, परिचय, इसकी मुख्य विशेषताएं एवं इसके लाभ

जीएसटी- अवधारणा एवं वस्‍तु-स्थिति- 15 अप्रैल, 2017 तक परिचय वस्‍तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू किया जाना भारत में अप्रत्यक्ष कर सुधारों के क्षेत्र में एक अत्‍यंत महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। बड़ी संख्‍या में केन्‍द्रीय एवं राज्‍य करों को मिलाकर उन्‍हें एकल कर यानी जीएसटी का रूप देने से करों की बहुतायत अथवा दोहरे कराधान की समस्‍या का समाधान बड़े पैमाने पर हो जायेगा और इसके साथ ही ‘एक समान राष्‍ट्रीय बाजार’ का मार्ग प्रशस्‍त होगा। उपभोक्‍ताओं की दृष्टि से इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि वस्‍तुओं पर उन्‍हें अपेक्षाकृत कम कर अदा करना पड़ेगा, जो वर्तमान में लगभग 25-30 प्रतिशत होने का अनुमान लगाया गया है। यही नहीं, जीएसटी को लागू करने से भारतीय उत्‍पाद घरेलू एवं अंतर्राष्‍ट्रीय बाजारों में प्रतिस्‍पर्धी बन जायेंगे। विभिन्‍न अध्‍ययनों से यह पता चला है कि जीएसटी आर्थिक विकास की गति बढ़ाने में मददगार साबित होगा। अन्तिम महत्‍वपूर्ण बात यह है कि जीएसटी को आसानी से लागू किया जा सकेगा क्‍योंकि यह  पारदर्शी होगा और इसका अनुपालन भी स्‍वत: हो सकेगा। उद्भव 2. जीएसटी की दिशा में कदम बढ़ाने

ईवीएम में गड़बड़ियों के आरोपों के बारें में क्या है स्थिति, जानिए इस पोस्ट से

पिछले दिनों भारतीय निर्वाचन आयोग की इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीनों को लेकर आमजनों के मस्तिष्क में कुछ सवाल उठे हैं। निर्वाचन आयोग बार-बार कहता रहा है कि ईसीआई-ईवीएम और उनसे संबंधित प्रणालियां सुदृढ़, सुरक्षित और छेड़खानी-मुक्त हैं।  निम्नांकित बार बार पूछे जाने वाले प्रश्नों (एफएक्यूज़) के उत्तरों के जरिए ईवीएम की अद्यतन प्रौद्योगिकी संबंधी विशेषताओं सहित सुरक्षा विशेषताओं की विस्तृत जानकारी दी गई है। इनमें यह भी बताया गया है कि इन मशीनों के विनिर्माण से लेकर भंडारण तक इनके इस्तेमाल के प्रत्येक चरण में कड़े प्रशासनिक उपाय किए जाते हैं।   ईवीएम के साथ छेड़खानी करने का क्या अर्थ है   ?     टैम्परिंग या छेड़खानी का अर्थ है, कंट्रोल यूनिट (सीयू) की मौजूदा माइक्रो चिप्स पर लिखित साफ्टवेयर प्रोग्राम में बदलाव करना या सीयू में नई माइक्रो चिप्स इंसर्ट करके दुर्भावनापूर्ण साफ्टवेयर प्रोग्राम शुरू करना और बैलेट यूनिट में प्रेस की जाने वाली ऐसी ‘कीज़’ बनाना, जो कंट्रोल यूनिट में वफादारी के साथ परिणाम दर्ज न करती हो। क्या ईसीआई-ईवीएम को हैक किया जा सकता है ?  नहीं। ईवीएम मशीनों के एम 1

आर.टी.आई. एक्टिविस्ट की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ इस क़ानून के नियमों का अधिक से अधिक सरलीकरण कर इसे और अधिक प्रभावी बनाया जावे

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जयपुर। आर.टी.आई. कानून में नियमों में कुछ बदलाव कर इसे और सरल किया जा रहा है या सूचना लेने की प्रक्रिया को कठिन कर इसे कमजोर किया जा रहा है, इस विषय को लेकर हिंदी पाक्षिक समाचार पत्रिका "गठजोड़" द्वारा दिनांक 12 अप्रेल को संगोष्ठी आयोजित की गई। इस संगोष्ठी की अध्यक्षता न्यायमूर्ति श्री पानाचंद जैन ने की। संगोश्ठी में ऑल इंडिया सोशल मीडिया फोरम के अध्यक्ष एवं सरकारी तंत्र पत्रिका के प्रधान संपादक महावीर कुमार सोनी, राजस्थान आर.टी.आई. एक्टिविस्ट फोरम के अध्यक्ष संजय गर्ग, अखिल भारतीय पत्रकार एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं देश का दर्पण के संपादक उमेन्द्र राजपूत, शाईनिंग टाइम्स मैगज़ीन की उप संपादक एवं आर.टी.आई. एक्टिविस्ट भावना शर्मा, एडवोकेट शिव जोशी, दलित नाद के संवाददाता लोकेश शर्मा, एडवोकेट एन. के.शर्मा, आर.टी.आई. एक्टिविस्ट जुगल किशोर सिंगोदिया एवं गठजोड़ की संपादक सुरेखा सोनी ने विषय पर अपने अपने विचार रखे। सोशल लीडर महावीर सोनी ने सर्वप्रथम सरकार द्वारा इस संबंध में जो स्थिति स्पष्ट की, उस बारे में विस्तार से बताया, जिसमें सरकार के इस कानून को आमजन हित म

राष्ट्र निर्माण युग - प्रवर्तक डॉ. केशवराव हेडगेवार।

राष्ट्र निर्माण युग - प्रवर्तक डॉ. केशवराव हेडगेवार  विश्व के सबसे बड़े संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक प.पू. डॉ. केशवराव बलिराम हेडगेवार जी के आदर्श एवं प्रेरणादायी जीवन दर्शन के साथ स्वतंत्रता संग्राम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भूमिका सहित संघ के बारें में अन्य महत्वपूर्ण एवं रोचक सामग्री लिए लेखों का सरल, सुन्दर एवं  स्पष्ट भाषा में सार गर्भित लेखों के साथ संकलन है, हिंदी पाक्षिक समाचार पत्र  गठजोड़  (GATHJOD) द्वारा प्रकाशित  इस लघु पुस्तिका में, इसे पढने के लिए निम्न लिंक पर जावें :- राष्ट्र निर्माण युग - प्रवर्तक डॉ. केशवराव हेडगेवार।

आर.टी.आई. कानून में नियमों में कुछ बदलाव कर इसे और सरल किया जा रहा है या सूचना लेने की प्रक्रिया को कठिन कर इसे कमजोर किया जा रहा है, विषय को लेकर न्यायमूर्ति श्री पानाचंद जैन की अध्यक्षता में गठजोड़ कार्यालय में हुई संगोष्ठी

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जयपुर। आर.टी.आई. कानून में नियमों में कुछ बदलाव कर इसे और सरल किया जा रहा है या सूचना लेने की प्रक्रिया को कठिन कर इसे कमजोर किया जा रहा है, इस विषय को लेकर हिंदी पाक्षिक समाचार पत्रिका "गठजोड़" द्वारा दिनांक 12 अप्रेल को संगोष्ठी आयोजित की गई। इस संगोष्ठी की अध्यक्षता न्यायमूर्ति श्री पानाचंद जैन ने की। संगोश्ठी में ऑल इंडिया सोशल मीडिया फोरम के अध्यक्ष एवं सरकारी तंत्र पत्रिका के प्रधान संपादक महावीर कुमार सोनी, राजस्थान आर.टी.आई. एक्टिविस्ट फोरम के अध्यक्ष संजय गर्ग, अखिल भारतीय पत्रकार एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं देश का दर्पण के संपादक उमेन्द्र राजपूत, शाईनिंग टाइम्स मैगज़ीन की उप संपादक एवं आर.टी.आई. एक्टिविस्ट भावना शर्मा, एडवोकेट शिव जोशी, दलित नाद के संवाददाता लोकेश शर्मा, एडवोकेट एन. के.शर्मा, आर.टी.आई. एक्टिविस्ट जुगल किशोर सिंगोदिया एवं गठजोड़ की संपादक सुरेखा सोनी ने विषय पर अपने अपने विचार रखे। सोशल लीडर महावीर सोनी ने सर्वप्रथम सरकार द्वारा इस संबंध में जो स्थिति स्पष्ट की, उस बारे में विस्तार से बताया, जिसमें सरकार के इस कानून को आमजन हित में और सरलीकरण करने तथा सु

आर.टी.आई. पर सरकार ने की स्थिति स्पष्ट - सूचना के अधिकार कानून के सरल कार्यान्वयन के लिए सरकार प्रतिबद्ध

सूचना का अधिकार (आरटीआई) नियमों में प्रस्‍तावित सुधारों के बारे में वास्‍तविक स्‍थिति आरटीआई प्रश्‍नों में शुल्‍क संरचना या शब्‍द सीमा में कोई परिवर्तन नहीं सरकार आरटीआई के पू्र्ण और सरल कार्यान्‍वयन के लिए प्रतिबद्ध       मीडिया के एक भाग में तथ्‍यात्‍मक रूप से गलत और भ्रामक समाचार रिपोर्ट आई हैं कि आरटीआई नियमों का एक नया सैट तैयार किया गया है, जो सरकार से जानकारी हासिल करने के लिए नागरिकों के अधिकार में कठिनाइयां और बाधाएं पैदा करता है। यह भी आरोप लगाया गया है कि आरटीआई के आकार को 500 शब्‍दों तक सीमित कर दिया गया है और नियमों में गलत तरीके से शुल्‍क के प्रावधान की भी शुरूआत की है। ये तथ्‍य पूरी तरह गलत हैं।       31 जुलाई, 2012 को केंद्र सरकार ने सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 27 के तहत आरटीआई नियमों को अधिसूचित किया था। मौजूदा नियमों की एक प्रति कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्‍ध है। इन नियमों में प्रावधान है कि आरटीआई का आवेदन सामान्‍य रूप से 500 शब्‍दों (अपवाद को छोड़कर) से बड़ा नहीं होगा और प्रत्‍येक आवेदक से मामूली शुल्‍क लिया जाएगा। इन नियम

भगवान् महावीर - सामाजिक कुरीतियों के अंत के साथ प्रजातंत्रात्मक शासन की सुखदायी शुरुआत

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बिहार प्रान्त के नालंदा जिले में स्थित कुण्डपुर नगरी में महाराजा सिद्धार्थ के गृह में चैत्र शुक्ला त्रयोदशी के दिन जन्मे भगवान महावीर का हम इस वर्ष 26 16 वां जन्म कल्याणक महोत्सव मनाने जा रहे हैं। भगवान महावीर की माता त्रिशला देवी लिच्छवी गणतंत्र के अधिपति महाराजा चेटक की पुत्री थी। कुण्डपुर लिच्छवी गणराज्य के अंतर्गत एक ईकाई था। भगवान महावीर से पूर्व 23 तीर्थंकरों के लंबे काल में राजतंत्रीय व्यवस्था थी। भगवान पार्श्वनाथ के अनुयायी राजा चेटक (माता त्रिशला के पिता) ने लिच्छवी गणराज्य को सशक्त सुव्यवस्थित रूप प्रदान कर गणतंत्रात्मक शासन पद्धति का आदर्श प्रस्तुत किया था। राजकुमार महावीर ने तीस वर्ष की अवस्था तक गणतंत्रीय परम्पराओं को दार्शनिक एवं व्यवहारिक रूप दिया। इस प्रकार आधुनिक प्रजातंत्रीय शासन पद्धति का जन्मदाता वैशाली का लिच्छवी गणराज्य है। भगवान महावीर के समय वैशाली गणतंत्र की राजधानी थी। गणतंत्र का नाम भी वैशाली था। उसके अधीन 9 मल्ल, 9 लिच्छवी, काशी - कौशल के 18 गणराजे थे। वैशाली के अंतर्गत 18 गणराजाओं का उल्लेख कल्पसूत्र (सूत्र 28), भगवती सूत्र (शतक उद्देशक 9), निरयावलि

अखिल भारतीय वरिष्ठ पत्रकार संघ की मीटिंग में लिए गए कई निर्णय

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अखिल भारतीय वरिष्ठ पत्रकार संघ की मीटिंग का आयोजन संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष महावीर कुमार सोनी के निवास कम कार्यालय पर दिनांक 2 अप्रेल 2017 को आयोजित की गई| इसमें संघ के विस्तार के सम्बन्ध में कई निर्णय पारित किए गए| संघ के राष्ट्रीय संयोजक विजेंद्र प्रकाश हलचल ने मीटिंग में पत्रकारों की समस्याओं पर प्रकाश डालते हुए इनके निराकरण के लिए विभिन्न सुझाव प्रस्तुत किए| संघ के व्हाट्स एप्प ग्रुप में केवल पत्रकारों की समस्याएं एवं निराकरण हेतु सुझाव आदि शेयर करने का निर्णय पारित करते हुए इसमें सख्ती बरतने का निर्णय लिया गया| मीटिंग में दिल्ली, एम्.पी.एवं राजस्थान के लिए श्री महिपाल जैन, श्रीमती कुसुम शर्मा, श्री राजेन्द्र महनोत एवं श्री सचिन को रा.एवं प्र. कार्यकारणी में स्थान देने का निर्णय लिया गया| मीटिंग में संघ के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री भूपेन्द्र सोनी, श्री राजेन्द्र महनोत, श्री हरीश सिंघल, श्री अंकित शर्मा, श्री सचिन चौधरी, डॉक्टर टीना जैन, आचार्य घनश्याम शर्मा, श्री राजेंद्र कोठारी, श्री मनोज महनोत, श्रीमती कुसुम शर्मा, श्रीमती मीना शर्मा|

गठजोड़ कार्यालय में संगोष्ठी के साथ डॉ. हेडगेवार की जन्मजयंती पर "डॉ. केशवराव बलिराम हेडगेवार" ब्लॉग का विमोचन

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जयपुर| दिनांक 1 अप्रेल 2017 को प.पू. डॉ. केशव राव बलिराम हेडगेवार जी की जन्म जयंती के अवसर पर यहाँ गठजोड़ समाचार पत्र कार्यालय में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया| संगोष्ठी में मुख्य वक्ता आर.एस.एस. के वरिष्ठ कार्यकर्त्ता श्री जगदीश प्रसाद जैन, एडवोकेट थे, संगोष्ठी की अध्यक्षता आर. एस. एस. के जयपुर में सह भाग कार्यवाह वैद्य राजेश शर्मा ने की, संगोष्ठी में इस अवसर पर इनके साथ घाट शाखा कार्यवाह श्री गिर्राज मोदी, मुख्य शिक्षक श्री अमर चंद अग्रवाल, श्री हेमंत गोदिका, श्री इंदर जैन, श्री राजेश वैद्य, जैन आदि ने हिस्सा लिया| संगोष्ठी के दौरान "डॉ. केशवराव बलिराम हेडगेवार" ब्लॉग का विमोचन किया गया, जिसमें गठजोड़ द्वारा पूर्व में प्रकाशित पुस्तक "राष्ट्र निर्माण युग प्रवर्तक डॉ. केशवराव हेडगेवार" को देखा जा सकता है| संगोष्ठी के बाद गठजोड़ के पर्यावरण विशेषांक का लोकार्पण भी किया गया|