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श्रद्धा - भक्ति के साथ मनाया पदमप्रभ का जन्म व तप कल्याणक पर्व

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जयपुर।  अतिशय क्षेत्र बाड़ा पदमपुरा दिगम्बर जैन मंदिर में मंगलवार को जैन धर्म के छठे तीर्थंकर भगवान पदमप्रभ का जन्म व तप कल्याणक पर्व  एवं धनतेरस के शुभावसर पर अंतर्मना मुनि प्रसन्न सागर महाराज की मंगल प्रेरणा व आचार्य शशांक सागर महाराज, अंतर्मना संघस्थ मुनि पीयूष सागर महाराज एवं गणिनी आर्यिका गौरवमती माताजी ससंघ सानिध्य में श्रद्धा - भक्ति और जयकारो के साथ मनाया गया।   मंत्री हेमंत सोगानी ने बताया की मंगलवार को जन्म व तप कल्याणक पर्व के शुभावसर पर प्रातः 6 बजे अतिशय क्षेत्र  मूलनायक पदमप्रभ भगवान के स्वर्ण एवं रजत कलशो से कलशाभिषेक किये गए। जिसके 51 विशेष इंद्र कलशो से श्रीजी के अभिषेक संपन्न हुए। ततपश्चात् मुनि पीयूष सागर महाराज के मुखारविंद से भव्य शांतिधारा का आयोजन हुआ।  समिति अध्यक्ष सुधीर जैन ने  बताया की कलशाभिषेक के पश्चात् विराजमान आचार्य, मुनि एवं आर्यिका माताजी के सानिध्य एवं निर्देशन में पदमप्रभ मंडल विधान पूजन का आयोजन पंडित विमल चंद जैन बनेठा वालो के निर्देशन में मंडल पर कलश स्थापित कर प्रारम्भ किया जिसमे समिति के पदाधिकारी, सदस्यों सहित पदमप्रभ भक्त मंडल परिव

कानून के तहत लोगों को सेवा प्रदान करने की गारंटी होनी चाहिए: उपराष्ट्रपति

                 ‘द मेवरिक्स ऑफ मसूरी’ नामक पुस्‍तक का विमोचन किया  भारत के उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि कानून के तहत लोगों को सेवा प्रदान करने की गारंटी होनी चाहिए। वह आज यहां श्री एम. रामचंद्रन द्वारा लिखित पुस्‍तक ‘द मेवरिक्स ऑफ मसूरी’ का विमोचन करने के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे। उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह किताब सामान्य पाठक को भारतीय प्रशासनिक सेवा या नौकरशाही के कामकाज करने के तरीकों से और भी बेहतर ढंग से अवगत कराने का अवसर प्रदान करती है। उन्होंने यह भी कहा कि इस पुस्तक में प्रोफेशनल दक्षता एवं  कर्तव्य के प्रति प्रतिबद्धता के साथ-साथ गवर्नेंस में सुधार सुनिश्चित करने को लेकर लेखक द्वारा की गई कड़ी मेहनत की भी झलक मिलती है।  उन्होंने कहा कि सिविल सेवकों को सरकार की नीतियां लागू करने में अनगिनत जटिल चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि ‘अधिकतम शासन एवं न्यूनतम सरकार’ सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय सेवाओं से जुड़े कर्मियों को अभिनव रूप से कार्य करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि इसे ‘स्टील फ़्रेम’  के रूप में वर्णित किया गया

चैरिटेबल या धार्मिक न्यासों के पंजीकरण हेतु आयकर नियमों को संशोधन करने के लिए टिप्पणियां और सुझाव आमंत्रित

वित्त अधिनियम, 2017 के तहत इस आशय के एक नये खंड (एबी) को आयकर अधिनियम, 1961 (कथित अधिनियम) की धारा 12 ए की उपधारा (1) में (01.04.2018 से प्रभावी) जोड़ा गया था कि इस अधिनियम की धारा 12 ए या 12 एए के तहत जिस न्‍यास और संस्‍थान को पंजीकरण प्रदान किया गया है और उसने बाद में अपने उद्देश्‍यों में संशोधन कर लिया है या अपना लिया है, तो ऐसा संशोधन इस प्रकार के पंजीकरण की शर्तों की पुष्टि नहीं करता है, इसलिए ऐसे न्‍यास या संस्‍थान को ऐसे अंगीकरण या उद्देश्‍यों के संशोधन की तिथि से तीस दिन की अवधि के अंदर एक आवेदन द्वारा फिर से पंजीकरण प्राप्‍त करना अपेक्षित होगा।  प्रदत्‍त विधान से संबंधित ज्ञापन वित्त विधेयक, 2017 के साथ संसद के पटल पर रखा गया है। अपने उद्देश्‍यों में संशोधन करने वाले न्‍यास या संस्‍थान के पंजीकरण के लिए प्रधान आयुक्त या आयुक्‍त के समक्ष 12 (1) (एबी) के तहत पंजीकरण के लिए आवेदन फॉर्म और तरीके को निर्धारित किया जाना अपेक्षित है। इस अधिनियम की धारा 12 ए के तहत चैरिटेबल या धार्मिक न्‍यासों के पंजीकरण के लिए आवेदन करने के नियम आयकर अधिनियम, 1962 की धारा 17 ए के तहत दिये गये ह

सबको पर्यटन से जोड़ें - पर्यटन पर्व के 13वें दिन का समारोह (पर्यटन पर्व की थीम है “पर्यटन : सभी के लिए”। देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए समाज के प्रत्येक वर्ग के साथ पर्यटन क्षेत्र के सभी संगठित और असंगठित क्षेत्रों के हितधारकों को सहभागी बनाने का प्रयास)

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पर्यटन प्रक्षेत्र भारत के सबसे अधिक रोजगार देने वाले क्षेत्रों में एक है। यह प्रक्षेत्र समाज के कमजोर तबकों के लिए समावेशी विकास को प्रोत्साहन देता है। पर्यटन पर्व का एक प्रमुख उद्देश्य है – पर्यटन को आर्थिक विकास का एक प्रमुख स्तंभ मानना तथा लोगों को इस क्षेत्र के प्रति जागरूक बनाना और समाज के सभी वर्गों की सक्रिय भागीदारी से रोजगार के अवसर सृजित करना तथा गरीबी का उन्मूलन करना। पर्यटन पर्व की थीम है “पर्यटन : सभी के लिए”। देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए समाज के प्रत्येक वर्ग के साथ पर्यटन क्षेत्र के सभी संगठित और असंगठित क्षेत्रों के हितधारकों को सहभागी बनाने का प्रयास किया जा रहा है। पर्यटन पर्व के दौरान कौशल विकास व प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। युवाओं के साथ-साथ पर्यटन क्षेत्र से जुड़े सभी सेवा प्रदाताओं को प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल किया गया। इसके अतिरिक्त स्थानीय समुदायों को भी पर्यटन के महत्व के बारे में जानकारी दी गई। उन्हें आय में वृद्धि, जीवन स्तर बेहतर होने, स्थानीय कला, संस्कृति, हस्तकला, खानपान आदि की लोकप्रियता में बढ़ोत्तरी के बारे में बताया गया। स

स्वच्छ भारत दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री का संबोधनः स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की तीसरी वर्षगांठ और स्वच्छता ही सेवा पखवाड़े का समापन

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज स्वच्छ भारत दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित किया। यह स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की तीसरी वर्षगांठ और 'स्वच्छता ही सेवा' पखवाड़े के समापन का भी अवसर था। उन्होंने कहा कि दो अक्टूबर महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती है, और यह एक ऐसा अवसर है जो हमें बताता है कि स्वच्छ भारत के लक्ष्य की दिशा में हम कितना सफर तय कर पाए हैं। प्रधानमंत्री ने याद किया कि भारी आलोचना के बीच तीन साल पहले कैसे स्वच्छ भारत आंदोलन शुरू किया गया। उन्होंने कहा, वह इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि जो मार्ग महात्मा गांधी ने दिखाया है, वह गलत नहीं हो सकता। उन्होंने कहा, अगर कुछ चुनौतियां भी हैं तो उनका अर्थ यह नहीं है कि हम उनसे दूर भाग जाएं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज लोग एक स्वर में स्वच्छता के लिए अपनी इच्छा का इजहार कर रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि स्वच्छता को नेताओं और सरकारों के प्रयासों के माध्यम से हासिल नहीं किया जा सकता है, बल्कि इसे समाज के प्रयासों से प्राप्त किया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके लिए जन भागीदारी को बढ़ावा

A short photo film on water conservation programme held in Jaipur ( Rally for Rivers ) मुख्यमंत्री की दूरदर्शी सोच से राजस्थान पा रहा सुनहरे आयाम

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मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान को और अधिक गति मिली जब 28 सितम्बर 2017 को जयपुर में सीतापुरा स्थित जे इ सी सी (जयपुर एक्सबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर) में रैली फॉर रिवर्स कार्यक्रम में उमड़े विशाल जन समुदाय के बीच मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे एवं सद्गुरू ने मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान की पुस्तिका का विमोचन किया एवं उपस्थित विशाल जन समुदाय ने भारी उत्साह के साथ जल सरंक्षण सम्बन्धी विभिन्न कार्यक्रमों में भागीदारी का संकल्प लिया| राजस्थान में जल सरंक्षण की दिशा में हो रहे एवं होने जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों का सुंदर चित्रण भी रैली फॉर रिवर्स के उक्त कार्यक्रम में देखने को मिला, सम्पन्न कार्यक्रम की कुछ झलकियों के साथ उक्त चित्रण को हम फोटो रूपी इस विडियो फिल्म के माध्यम से दिखाने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि जल संरक्षण के प्रति और अधिक जन जागृति बढ़े एवं जल सरंक्षण संबंधी कार्यक्रमों में और अधिक गति आए।

केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आईएएस प्रशिक्षुओं का आह्वान किया कि प्रधानमंत्री के न्यू इंडिया के स्वपन को साकार करने में योगदान दें

केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने युवा आईएएस प्रशिक्षुओं का आह्वान किया है कि वे प्रधानमंत्री के न्यू इंडिया के सपने को साकार करने के लिए अपना योगदान दें। वे उत्तराखंड के मसूरी में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में 92वें स्थापना पाठ्यक्रम के अधिकारी प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित कर रहे थे। उऩ्होंने कहा कि ‘आपको लोगों की सहायता के लिए कठिन कार्य करना है। आपको अपने कठिन परिश्रम के जरिए लोगों के बीच विश्वास की भावना पैदा करनी है।‘ केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अधिकारियों को लोगों के साथ सहानुभूति से पेश आना चाहिए, जो उनके पास अपनी समस्याओं को लेकर आते हैं। उन्होंने कहा कि ईश्वर ने उन्हें मानवता और देश के सामान्य नागरिकों की सेवा का सुअवसर दिया है। उन्होंने कहा कि आपको लोगों की समस्याओं को टालना नहीं चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि आपका दृष्टिकोण व्यक्तिगत नहीं होना चाहिए, बल्कि हमेशा प्रणाली आधारित होना चाहिए। युवा आईएएस अधिकारियों को सतर्क करते हुए श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘उऩ्हें अपने अहम को टालना चाहिए, क्योंकि अहम दशमलव अंक के समान है, जिसे

राजघाट में प्रथम बार महात्मा गांधी की प्रतिमा की स्थापना

उपराष्ट्रपति एम. वैंकेया नायडू ने राजघाट में महात्मा गांधी की कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया गांधी जी के जीवन व उनके कार्यों पर संवादमूलक व्याख्या केन्द्र, आगंतुकों के लिए एक नया आकर्षण राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रपति की समाधि, राजघाट को पहली बार एक नयी विशेषता हासिल की है जो भारी संख्या में आगंतुकों को आकर्षित करती है। भारत के उपराष्ट्रपति एम. वैंकेया नायडू ने आज स्वतंत्र भारत के शूरवीर की 148वीं जन्मशताब्दी पर महात्मा गांधी की 1.80 लम्बी कांस्य प्रतिमा अनावरण किया। श्री राम सुतार द्वारा तराशी गई प्रतिमा को राजघाट समाधि परिसर के पार्किग क्षेत्र में 8.73 लाख रूपये की लागत से स्थापित किया गया है। यह 2 फीट ऊँचे मूर्तितल पर ग्रेनाइट धातु में लिपटा हुआ है। मूर्तितल के सामने की दिशा में गांधी जी का प्रसिद्ध संदेश “जो बदलाव आप देखना चाहते हैं, वही बनो” को उत्कीर्ण किया गया है। प्रतिमा को स्थापित करना, गत तीन वर्षों में राजघाट में किए गए बहुसंख्य सुधार कार्यों का हिस्सा है। प्रतिदिन 10 हजार लोग राजघाट आते है और विदेशी मान्यगण, सादे काले रंग के पत्थर के चबूतरे पर जहाँ गांधी जी का दाह संस

भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द जी का मंगरोल में विभिन्न योजनाओं के उद्घाटन/शिलान्यास करने के अवसर पर सम्बोधन

आज गाँधी जयंती के पावन अवसर पर मुझे प्रात:काल बापू की समाधि पर जाकर श्रद्धा सुमन अर्पित करने का और उसके बाद उनके जन्मस्थान पोरबंदर में कीर्ति मंदिर जाकर नमन करने का सौभाग्य मिला। और यहाँ का कार्यक्रम भी बापू की स्मृति और आदर्शों से जुड़ा हुआ है। जैसा कि हम सभी जानते है बापू पूरे समाज का समग्र विकास चाहते थे। वे श्रम की गरिमा में विश्वास करते थे। यहाँ आज जिन सुविधाओं की शुरुआत की गयी है उनसे यहाँ के मेहनतकश लोगों का आर्थिक विकास होगा और उनके जीवन स्तर में सुधार होगा। समुद्र तट पर रहने वाले सौराष्ट्र के लोग खारे पानी तथा प्रकृति की अन्य चुनौतियों का सामना करते हुए अपनी मेहनत से अपने जीवन का निर्माण करते हैं। यहाँ के लोग अपने परिश्रम और पुरुषार्थ के लिए जाने जाते हैं। इस प्रकार इस क्षेत्र के लोग गुजरात की उद्यमशीलता का प्रतिनिधित्व करते हैं। हम सब गुजराती भाई-बहनों के लिए अक्तूबर का मास बहुत ही महत्वपूर्ण महीना है। आज के दिन, पूरे विश्व में अपनी कीर्ति फैलाने वाले महात्मा गांधी का जन्म इसी राज्य में हुआ था। 15 दिन बाद ही गुजराती नूतन वर्ष का आगमन होगा जब पूरे देश में दीवाली का

राजस्थान जल संरक्षण में पूरे देश में आगे -सद्गुरु जग्गी वासुदेव

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2011 में ही शुरू कर दिया था राजस्थान में जल संरक्षण का कार्य - मुख्यमंत्री  जयपुर, 28 सितम्बर। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि प्रदेश में जल संकट को देखतेे हुए 2011 में ही जल संरक्षण का काम शुरू कर दिया था, जबकि उस समय प्रदेश में हमारी सरकार नहीं थी। उन्होंने कहा कि विपक्ष में रहते हुए उन्होंने राजस्थान को जल संकट से निजात दिलाने के लिए प्रयास इसलिए शुरू कर दिए थे क्योंकि यह वोटों का नहीं लोगों की जिन्दगी के सवाल का विषय था।  श्रीमती राजे सीतापुरा स्थित जेईसीसी में गुरुवार को आयोजित नदी अभियान ’रैली फॉर रिवर्स’ में उपस्थित लोगों को सम्बोधित कर रही थीं।  एमजेएसए को बनाया जन अभियान श्रीमती राजे ने कहा कि राजस्थान में सबसे बड़ा संकट पानी का है। हमने राजस्थान को पानी के संकट से मुक्ति दिलाने का सपना पूरा करने के लिए हमारी सरकार बनते ही ‘राजस्थान रिवर बेसिन अथॉरिटी’ का गठन किया ताकि राजस्थान की नदियों को जोड़ने का काम शुरू कर सकें। उसके बाद प्रदेशभर में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान शुरू किया गया। उन्होंने कहा कि एमजेएसए को जन अभियान बनाते हुए हमने समाज