साहित्य एक दीपशिखा की भाँति, सम्पर्क साहित्य में अग्रणी संपर्क राष्ट्रीय कार्यकारिणी का अभिनंदन, मै सृष्टि हूँ साझा संग्रह का विमोचन एवं मातृ दिवस पर काव्य पाठ का आयोजन
कभी माँ की हथेली चूम लेना बड़ी माँ की रही कुर्बानियाँ है । ये पंक्तियाँ सम्पूर्ण परिवेश में तैर रही थी अवसर रहा सम्पर्क संस्थान द्वारा रेनू शब्दमुखर के सम्पादन में एक सो ग्यारह कवयित्रियों के साझा संग्रह मैं सृष्टि हूं के विमोचन समारोह का । कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती की आराधना और दीप प्रज्ज्वलन से हुआ । सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए अध्यक्ष अनिल लढ़ा ने सम्पर्क के कार्यक्रमों और उपलब्धियों का उल्लेख किया । ततपश्चात 'मै सृष्टि हूँ' पुस्तक का मंचासीन अतिथियों मुख्य अतिथि पूर्व अतिरिक्त निदेशक अरुण जोशी, कार्यक्रम अध्यक्ष वरिस्ठ साहित्यकार हरिप्रकाश राठी जोधपुर, मुख्य वक्ता विशिष्ट शासन सचिव वित्त विभाग नरेश ठकराल एवं विशिष्ट अतिथि प्रसिद्ध उद्योगपति समाजसेवी चंद्रशेखर साबू तथा रोजियम ग्रुप के चैयरमेन अर्पित जैन, अध्यक्ष अनिल लढा एवं रेनू शब्द मुखर के द्वारा विमोचन किया गया । इस अवसर पर सम्पर्क के कार्यों का विस्तृत परिचय देती हुई हुई डायरी का भी विमोचन हुआ। रेनू शब्दमुखर ने संस्थान से जुड़े अपने अनुभवों को साझा किया। इस अवसर पर नवगठित सम्पर्क साहित्यिक कार्यकारिणी का भी स