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गुजरात चुनाव ने राहुल गाँधी को दी राष्ट्रीय स्तर पर नई लोकप्रियता

              गुजरात चुनाव ने राहुल गाँधी को दी राष्ट्रीय स्तर पर नई लोकप्रियता                                                   लेख - महावीर कुमार सोनी  गुजरात विधानसभा का चुनाव यूं तो देश के एक राज्य भर की विधानसभा का चुनाव है फिर भी इसने पूरे देश ही नहीं पूरे विश्व का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित कर रखा है। इस चुनाव के परिणाम जानने के लिए पूरे देश की जनता बेसब्री से इंतजार में है ,  कब  18  दिसंबर आएगी औऱ कब यह निश्चित होगा कि उस दिन कौनसी राजनैतिक पार्टी के हित में वहां की जनता ने अगले पांच वर्षों हेतु अपना निर्णय सुनाया है। गुजरात चुनाव के परिणाम चाहे किसी भी दल के पक्ष में आए किन्तु इस चुनाव ने राहुल गांधी का राजनैतिक कद बहुत ऊंचा कर दिया है वहीं लोकतंत्र की मजबूती एवं शासन सत्त्ता को विकेन्द्रित रखने की दृष्टि से भी अहम रोल अदा किया है। वस्तुतः सत्ता किसी भी दल की हो ,  उसके विरुद्ध हमेशा एक सशक्त विपक्ष अवश्य रहना चाहिए ,  जो सत्ता को गलत एवं अनुचित निर्णयों के लिए चेताता रहे ,  अन्यथा कुछ अरसे बाद किसी भी दल में तानाशाही प्रवर्ति जन्म ले सकती है ,  जो आमजन के लिए किसी भी स

यूथ फॉर नेशन एवं हिमालय परिवार के संयुक्त तत्वाधान में धारा -370 की वर्तमान प्रासंगिकता एवं राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका पर गोष्ठी का आयोजन

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जयपुर | यूथ फॉर नेशन एवं हिमालय परिवार के संयुक्त तत्वाधान में 10 से 12 जनवरी , 2018 को युवा संसद का आयोजन किया जा रहा है । युवा संसद का विषय धारा -370 रहेगा ।  इसी क्रम में  परम पूज्य स्वामी श्री प्रज्ञानानंद जी महाराज  के मंगल सानिध्य में  दिनांक 10 दिसम्बर को प्रबुद्ध जन - गोष्ठी का सिटी पैलेस, जयपुर में आयोजन किया गया। गोष्ठी का विषय ध्रारा - 370 की वर्तमान प्रासंगिकता एवं राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका था। इस गोष्ठी में बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया|   गोष्ठी के मुख्य अतिथि एवं   मुख्य वक्ता  राष्ट्रीय सवयंसेवक संघ के    अ. भा. कार्यकारिणी सदस्य   श्री इन्द्रेश कुमार जी थे| कार्यक्रम की अध्यक्षता लोकायुक्त, राजस्थान  जस्टिस एस.एस कोठारी जी ने की तथा कार्यक्रम की  विशिष्ठ अतिथि राजकुमारी दीया कुमारी जी थी| 

महंगाई से त्रस्त आम आदमी - संतोष कुमार भार्गव

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दो माह में सब्जियों की महंगाई दर दो गुना बढ़ जाना आम आदमी के लिए बुरी खबर है। प्याज काटने में तो आंसू निकलते ही थे, अब खरीदने में भी आंसू निकल रहे हैं। वहीं लाल टमाटर भी गुस्से में दिख रहा है , तभी तो वो आम आदमी की पहुंच से दूरी बनाये हुए है। प्याज , टमाटर की भंाति खाद्य पदार्थों और सब्जी की कीमतों में बढ़ोत्तरी तो बीते छह महीनों से जारी  थी ,  फिर भी सब्जियों की महंगाई दर सितंबर की 3.92 फीसदी के मुकाबले आज साढ़े सात फीसद तक पहुंच चुकी है। प्याज और टमाटर तो गरीबों की पहुंच से बाहर हो चुके हैं। ये मुद्रास्फीति आर्थिक नियमन पर गहराते बादलों के संकेत हैं। अब उपभोक्ता मुद्रास्फीति अक्तूबर में सात महीने की ऊंचाई पर पहुंच गई जबकि खाद्य और ईंधन की बढ़ती कीमतों की वजह से थोक मुद्रास्फीति छह महीने के उच्च स्तर पर थी। दरअसल , बढ़ती मुद्रास्फीति ने  सुधार की उम्मीदों पर फिर से पानी फेरने वाला काम किया है। रिजर्व बैंक की कोशिश रहती है कि मुद्रास्फीति 4 फीसदी से कम रहे ताकि वह आर्थिक सुधारों के बाबत कदम उठा सके। मौजूदा मुद्रास्फीति की हालत में आरबीआई से भी तत्काल किसी राहत घोषणा करने की संभा

इस बार भी आंतरिक अंतरविरोधों के कारण मूंह की खाएगी गुजरात कांग्रेस - गौतम चौधरी

गुजरात चुनाव जैसे - जैसे नजदीक आ रहा है , सियासी तस्वीरें उतनी ही तेजी से बदल रही है। गुजरात में विगत 22 सालों से जमी बैठी भारतीय जनता पार्टी को उखाड़ फेंकने के लिए कांग्रेस ने एक से बढकर एक सियासी चालें चली लेकिन कुछ कमजोर गुजराती नेताओं और रणनीति के कारण शायद कांग्रेस की चाल अब उलटी पड़ने लगी है हालांकि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी गुजरात को अपनी प्रयोगभूमि मानकर पूरी तन्मयता के साथ संघर्ष कर रहे हैं। राहुल गांधी की मेहनत और योजना में कही कोई कमी नहीं है लेकिन स्थानीय नेताओं का अंतरविरोध और केन्द्रीय कुछ नेताओं का अप्रत्याशित असहयोग , गुजरात कांग्रेस को एक बार फिर सत्ता से दूर ले जाएगी। गुजरात कांग्रेस में पहले तीन ध्रुव हुआ करते थे लेकिन बापू शंकर सिंह वाघेला के कांग्रेस छोड़ जाने के बाद अब प्रदेश कांग्रेस दो खेमों में विभाजित हो गयी है। पहला खेमा अहमद भाई पटेल का है और दूसरा खेमा भरत भाई सोलंकी का है। विगत दिनों भरत भाई का बड़ा सधा हुआ - सा बयान आया , जिसमें उन्होंने मोटे तौर पर खुद विधानसभा नहीं लड़ने की बात कही। हालांकि भरत भाई ने बड़ी शालीनता के साथ कह

जाहन्वी की फिल्म अनाउंस होने पर श्रीदेवी खुश - सुभाष शिरढोनकर

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श्रीदेवी पिछले काफी समय से बेहद असमंजस में थीं। करण जौहर ने उनकी बेटी जाहन्वी के साथ फिल्म बनाने का वचन तो दिया था लेकिन उसे मूर्त रूप दिए जाने में , करण जौहर की तरफ से काफी देरी हो रही थी। खबरें आ रही थीं कि फिल्म की अनाउंस में हो रही देरी से श्रीदेवी काफी नाराज  हैं। लेकिन करण जौहर द्वारा जाहन्वी की लॉंचिंग फिल्म की घोषणा के साथ श्रीदेवी की सारी बेचैनी खत्म हो चुकी है। फिल्म का शीर्षक ’धड़क’ तय होने के साथ फिल्म की रिलीज डेट 06 जुलाई , 2018 भी घोषित कर दी गई। 01 दिसंबर से जाहन्वी बाकायदा फिल्म की शूटिंग में हिस्सा लेंगी। ’ धड़क’ में जाह्नवी के अपोजिट शाहिद कपूर के सौतेले भाई ईशान खट्टर पहली बार बॉलीवुड में कदम रखने जा रहे हैं।  ’धड़क’ मराठी सुपरहिट फिल्म ’सैराट’ का रीमेक है। ’सैराट’ ब्लॉकबस्टर साबित हुई थी और उसमें लीड रोल निभाने वाली एक्ट्रेस रिंकू गुप्ता को नेशनल अवार्ड मिला था। हरियाणा की पृष्ठभूमि वाली कहानी पर आधारित इस फिल्म का निर्देशन शशांक खेतान करेंगे। फिल्म के गीतों की धुनें ’सैराट’ का लोकप्रिय संगीत रचने वाली जोड़ी अजय - अतुल तैयार करेगी। ’ धड़क’ का निर्माण कर

गैस चैम्बर बनी अनाथ दिल्ली की व्यथा - डा. विनोद बब्बर

यूं उत्तर भारत में सर्दी में घना कोहरा होना सामान्य बात है लेकिन  सर्दी से पूर्व ही  कोहरे का कोहराम मचा दिखाई दे तो यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि हर तरफ जहरीला धुआं क्यों है? पंजाब और हरियाणा के किसानों द्वारा धान की फसल के बाद पराली जलाने को इसका तत्कालिक कारण बताया जा रहा हैं। सामान्य से 20 गुना से भी अधिक प्रदूषित दिल्ली में आंखों में जलन, संास लेने में कठिनाई के समाचार से बाहर से आने वाले पर्यटक तो अपना कार्यक्रम रद्द कर सकते हैं लेकिन दिल्ली वाले कहां जायें, इसके बारे में सोचने की जरूरत न तो सत्ता वालों को है, न विपक्ष को और न ही उन लोगों को है जो बात-बेबात टीवी चैनलों पर तूफान खड़ा करते हैं। ‘लांसेट कमीशन आन पाल्यूशन एंड हेल्थ’ के अनुसार वर्ष 2015 में भारत में प्रदूषण के कारण लगभग 25 लाख लोग असमय काल के गाल में समा गये लेकिन यह भी उतना ही सत्य है कि जिस गति से हमारे देश की जनसंख्या बढ़ रही है, उसकी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए रफ्तार से विकास की ओर बढ़ रहा  प्रदूषण फैलाने वाले कारकों पर नियंत्राण सहज नहीं है। दुर्भाग्य  यह है कि आज वोटबैंक की राजनीति के द

पंजाब केसरी - लाला लाजपतराय (पुण्य तिथि - 17 नवंबर) - सुरेश ‘डुग्गर’

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स्वाधीनता संग्राम के बडे़ सेनानियों में लाला लाजपतराय का नाम भी बड़े आदर के साथ लिया जाता है। स्वतंत्राता सेनानी कई प्रकार के हुए हैं। प्रथम वे जो आजादी की लड़ाई लड़ने के आरोप में अंग्रेज सरकार द्वारा फांसी के फंदे पर लटका दिए गए। द्वितीय वे जिन्हें लम्बी - लम्बी सजाएं अथवा काले पानी का दण्ड दिया गया। तृतीय वे जिन्होंने प्रत्यक्ष रूप से नहीं बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से स्वाधीनता का युद्ध अपनी कलमों द्वारा लड़ा। काले पानी की सजा पाने वालों में लाला जी भी एक थे जिन्होंने काले पानी की यंत्राणाएं सहन की पर उफ तक न की। उन्होंने देश को गुलामी से मुक्ति दिलवाने के लिए हजारों कष्ट सहे पर कभी अंग्रेजों के आगे झुके नहीं। लाहौर आकर उन्होंने आर्य समाज प्रचार के आन्दोलन में बढ़ - चढ़ कर भाग लिया जिसके परिणाम स्वरूप उनका नाम सारे पंजाब में लोगों की जुबां पर आने लगा। वे प्रसिद्धि के शिखर पर पहुंच गए। जनता उनका आदर करने लगी और उन्हें नेता मान कर उनके द्वारा निर्धारित मार्ग पर पग बढ़ाने लगी। कहने को लाला जी कांग्रेसी थे पर उनके विचार नरम दल के नेताओं से विपरीत थे। वे क्रांतिकारी स्वभाव के होने के

ऋतिक रोशन करेंगे राकेश ओमप्रकाश मेहरा की ‘कबड्डी’ - सुभाष शिरढोनकर

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साल 2017 की शुरूआत में शाहरूख की ’रईस’ के मुकाबले ऋतिक रोशन की ’काबिल’ को दर्शकों ने ज्यादा पसंद किया। ’काबिल’ की सफलता के बाद ऋतिक ने अब तक कोई फिल्म साइन नहीं की है। ’ ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ के अलावा तीन अन्य फिल्में ठुकराने के बाद फिलहाल ऋतिक रोशन के पास कोई फिल्म नहीं है। ’कृष’ सिरीज की होम प्रोडक्शन की फिल्म पर अभी शुरूआती काम चल रहा है। यकीनन यशराज की ’ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ ठुकरा कर ऋतिक ने खुद का बड़ा नुकसान किया। कहा जाता है कि फिल्म में फीस और मुनाफे के हिस्से को लेकर उनकी आदित्य से सहमति नहीं बन सकी थी। कबीर खान ऋतिक रोशन के साथ काम करना चाहते थे लेकिन ऋतिक के अडि़यल रवैय्ये के कारण सहमति नहीं बन सकी। ’बैंग बैंग’ वाले सिद्धार्थ आनंद ऋतिक रोशन के साथ अगली फिल्म करना चाहते हैं लेकिन अभी तक कहानी तय नहीं हो सकी। अग्निपथ के बाद करण मल्होत्रा के साथ ऋतिक रोशन की बातचीत हुई लेकिन पता नहीं क्या सोचकर उन्होंने इस प्रस्ताव को भी स्वीकार नहीं किया। खबरें आ रही हैं कि अनीस बज्मी ने ’नो एंट्री में एंट्री में सलमान को ऋतिक रोशन से रिप्लेस कर दिया है। इसके अलावा ऋतिक रोशन ’सुपर 30’

प्रियंका चोपड़ा बनेंगी उड़नपरी पी.टी. ऊषा - सुभाष शिरढोनकर

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प्रियंका चोपड़ा , उड़न परी पी . टी उषा पर बनने जा रही बायोपिक में उनका किरदार निभाती नजर आ सकती है। मेकर्स के साथ प्रियंका चोपड़ा की  बातचीत हो चुकी है। वे प्रियंका को इस फिल्म का हिस्सा बनाने के लिए बेहद उत्साहित हैं। मेकर्स पी . टी उषा की बायोपिक को भव्य स्तर पर बनाना चाहते हैं। मेकर्स चाहते हैं कि इसमें ’स्लमडॉग मिलेनियर’ के ’जय हो ....  टाइप का कोई जोश जगाने वाला गीत भी हो। इस सिलसिले में ए . आर . रहमान के साथ भी बातचीत हुई है।  तमिल और मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में कई सुपर हिट फिल्में बनाने वाली रेवती एस . वर्मा इस फिल्म को निर्देशित करेंगी। इस फिल्म का बजट 100 करोड़ होगा और इसे हिंदी के अलावा इग्लिश , चाइनीज़ और रशियन भाषओं में भी रिलीज करने की योजना है। प्रियंका आज भारत ही नहीं बल्कि विदेश में भी उतनी ही पॉपुलर हैं। वह एक ग्लोबल आइकॉन के रूप में पहचान बना चुकी हैं। प्रियंका चोपड़ा 2014 में आई ओमंग कुमार निर्देशित ’मेरीकॉम’ में अपनी लाजवाब अदाकारी से दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ चुकी हैं। प्रियंका चोपड़ा के लिए ’मिस इंडिया’ और ’मिस वर्ल्ड’ के ताज ने , फिल्मों के दरवाजे खोल द

नेहरू जी और विज्ञान - रत्ना रानी

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हमारे पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू , अपने सपनों के भारत को बनाने में विज्ञान को एक अनिवार्य आवश्यकता मानते थे। उन्होंने कहा था , ’ अब यह निश्चित है कि विज्ञान और टेक्नोलोजी के बिना हम आगे नहीं बढ़ सकते।‘ इसीलिए स्वतंत्रता के बाद के सत्तारह सालों में जब तक वे जीवित रहे , भारत के आधुनिकीकरण के लिए विज्ञान को सर्वोपरि स्थान देते रहे। वे विज्ञान और वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने को इतना अधिक उत्सुक रहते थे कि जब कभी भी उन्हें दूसरों और वैज्ञानिक दृष्टिकोण समझाने का अवसर मिलता तो उसे हाथ से न जाने देते। उन्होंने कहा भी था ’मुझे जब कभी मौका मिलता है , मैं विज्ञान और टेक्नोलोजी पर अवश्य कुछ बोलता हूं। हमें यह महसूस करना चाहिए कि हमारा आज का जीवन किस प्रकार से विज्ञान और टेक्नोलोजी की देन है। विज्ञान क्या है ? इस बारे में उनका दृष्टिकोण था कि विज्ञान सत्य की खोज है , भौतिक विश्व संबंधी सत्य की उस सत्य को बार - बार प्रयत्न करने पर प्राप्त किया जाता है , सत्य जो निराधार बात को पहले से ही स्वीकार नहीं कर लेता , सत्य जो निराधार बात को अथवा उसे जो प्रत्यक्ष तथ्यों के आधार सही नहीं उतरती , त

राष्ट्रीय एकता में इंदिरा गांधी का योगदान - रवीन्द्र नाथ शुक्ल (जन्म तिथि:- 19 नवम्बर हेतु विशेष)

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भारत महान विभूतियों की वसुंधरा है। इस वसुन्धरा ने ऐसे अनेकानेक महापुरूषों और वीरांगनाओं को जन्म दिया है जिन्होंने तरूणाई में ही अपनी अनन्त प्रतिभा का परिचय देकर विश्व को चमत्कृत किया। इन महान विभूतियों की श्रेणी में राजा राम मोहन राय ,  ईश्वर चन्द्र विद्यासागर ,  महात्मा गांधी ,  पं .  जवाहर लाल नेहरू ,  मदन मोहन मालवीय और सरोजनी नायडू जैसे अनेक महान पुरूष आते हैं। भारतीय इतिहास में प्राचीन काल से आज तक अनेक नारी रत्नों ने अपनी शौर्य रश्मियों का आलोक विकीर्ण किया है। इस परम्परा में सर्वाधिक ज्योतिर्मान छवि है आधुनिक भारत की उस महान नारी की जिसने विश्व के विशालतम जनतंत्रा पर एक लम्बी समयावधि तक एक छत्रा शासन किया और विश्व में सर्वाधिक सशक्त महिला के रूप में ख्याति अर्जित की। हमारे देश की वह गरिमामयी नारी थी श्रीमती इन्दिरा गांधी। श्रीमती इन्दिरा गांधी सादा जीवन ,  उच्च विचार की साकार मूर्ति थी। राष्ट्रीयता की भावना उनमें कूट - कूट कर भरी हुई थी। उनका कहना था कि जितनी देखभाल हम अपने शरीर की करते है ,  उससे कहीं अधिक देखभाल हमें अपनी राष्ट्रीय एकता की करनी चाहिए। श्रीमती गांधी ब