कश्मीर में चल रही विध्वंसक कार्यवाहियों को शासन केवल आतंकवादी कार्यवाहियों के रूप में नहीं, अपितु जम्मू-कश्मीर में इस्लाम पंथ स्थापित करने के लिए चल रहे जिहादी युद्ध के एक भाग के रूप में देखे - डॉ. अजय च्रोंगू

फोंडा (गोवा)  - षष्ठ अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन के स्थल पर आयोजित पत्रकार परिषद को हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे, पनून कश्मीर के अध्यक्ष डॉ. अजय च्रोंगू, यूथ फॉर पनून कश्मीर के राष्ट्रीय समन्वयक श्री. राहुल कौल एवं उनके सचिव श्री. राहुल राजदान उपस्थित थे । उन्होंने पत्रकारों को एकत्रित रूप से स्पष्ट किया कि कश्मीर में चल रही विध्वंसक कार्यवाहियों को शासन केवल आतंकवादी कार्यवाहियों के रूप में नहीं, अपितु जम्मू-कश्मीर में इस्लाम पंथ स्थापित करने के लिए चल रहे जिहादी युद्ध के एक भाग के रूप में देखें ।
पत्रकारों से चर्चा करते समय डॉ. अजय च्रोंगू ने कहा, जम्मू एवं कश्मीर में चल रहा जिहाद देश के सामने एक चुनौती है । इस्लाम की स्थापना करने के लिए यह युद्ध है और उसकी ओर अनदेखी करना आत्महत्या करने समान है । उन्होंने आगे बताया, जम्मू-कश्मीर की स्थिति दिन-प्रतिदिन बिगडती जा रही है । जम्मू प्रांत पर एक प्रकार से पूर्वनियोजित आक्रमण हो रहा है । जम्मू की हिन्दुबहुसंख्यक यह पहचान मिटाने के लिए, वहां कश्मीर, शेष भारत, म्यांमार, बांग्लादेश एवं तिब्बत के मुसलमान बडी संख्या में बस रहे हैं और शासन उनकी ओर केवल हताश होकर देख रहा है ।
पनून कश्मीर एवं हिन्दू जनजागृति समिति के सदस्यों के अनुसार, आतंकवाद विरोधी अभियान तोडने के लिए स्थानीय लोगों से पथराव करवाया जाता है, यह जिहाद का ही एक भाग है ।
शासन को चेतावनी देते हुए श्री. रमेश शिंदे ने कहा, जम्मू-कश्मीर की अलगाववादी कार्यवाहियों का निर्लज्जता से समर्थन करनेवाले मुख्य प्रवाह के मुसलमान नेताआें के वक्तव्य की ओर अनदेखी नहीं कर सकते । ये निर्लज्ज और राजनीतिक विधान एक प्रकार से विध्वंसकारी कार्य को बढावा दे रहे हैं, यह शासन के समय रहते ध्यान में आना चाहिए । जम्मू-कश्मीर की युद्धसदृश परिस्थिति का सामना कर रहे सुरक्षाकर्मियों का मनोबल तोड रहे इन ढोंगी शांतिदूतों का हम निषेध करते हैं ।
जिहाद पर निणार्यक कृति के विषय में बोलते हुए श्री. राहुल कौल ने बताया, सैन्य क्षमता तथा वैचारिक मार्ग से जिहाद का युद्ध समूल नष्ट करना, यही इस समस्या का एकमेव उपाय है । अपने क्षेत्र में शांति स्थापित करनी हो, तो ऐसा जिहादी अभियान पूर्णत: मिटा देना चाहिए । पुलिस अधिकारी समीर भट की उनके सहयोगी द्वारा की गई हत्या, यह हिन्दुआें के विरोध में सदियों से चले आ रहे वंशहत्या का एक भाग है । उस हत्या के पीछे का रहस्य सीबीआइ की जांच से ज्ञात होगा । राजनीतिक स्तर पर जिहादियों सहित आरंभ गठबंधन तीसरे विभाजन का कारण बनेगा । आज भी ७ लाख हिन्दू पंडित झेलम के उत्तर पूर्व किनारे पर अलग बस्ती की मांग कर रहे है ।
इस समय श्री. राहुल राझदान ने कहा, हिन्दू सहस्रों वर्षों से वंशवाद का युद्ध लड रहे हैं, यह एक ऐतिहासिक सत्य है । इस युद्ध के कारण अफगानिस्तान के हिन्दुआें का अस्तित्व समाप्त हो गया । कश्मीर के हिन्दुआें का वंशविच्छेद रोकना हो, तो हिन्दुआें का कश्मीर में पुनर्वसन करना, यही एकमात्र उपाय है । अपनी गली में शांति चाहते हैं, तो जिहादी अभियान जडमूल सहित नष्ट करना होगा ।
प्रस्ताव
अलगाववादी जिहादियों के साथ चर्चा करने के लिए कश्मीर में रहनेवाले ६० लाख हिन्दू, सिख एवं बौद्ध अनुमति नहीं देंगे, ऐसा प्रस्ताव सर्वसहमति से पारित किया गया । एक भारत अभियान अंतर्गत कश्मीर घाटी में पनून (अपने) कश्मीर की निर्मिति करने की देशवासियों की मांग को समर्थन दिया गया । इस मांग को पूरे देश के २५० राष्ट्रभक्त संगठनाआें का समर्थन है । जम्मू-कश्मीर में जिहाद नष्ट करने का सबसे अच्छा उपाय जम्मू-कश्मीर तथा काश्मीर घाटी को चार विभाग में विभाजित करना है । जम्मू-कश्मीर, शेष भारत साथ ही विश्‍व की शांति के लिए, पनून कश्मीर की निर्मिति कर कश्मीर में हिन्दुआें का पुनर्वसन करना अत्यंत आवश्यक है ।
                                                       

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