बर्ड फ्रीडम कैंपेन की नवीं वर्षगांठ के अवसर पर चित्रकला प्रदर्शनी का हुआ आयोजन, जयपुर सांसद राम चरण बोहरा रहे मौजूद

जयपुर। रविवार को सुबह बर्ड फ़्रीडम कैंपेन की नवीं वर्षगांठ के अवसर पर 11 सितंबर को सनशाइन प्राइम मुहाना मंडी में बर्ड फ़्रीडम डे का आयोजन किया गया । कार्यक्रम के मुख्यातिथि जयपुर सांसद रामचरण बोहरा ने पक्षियों की आज़ादी की इस मुहिम को प्रेरणादायक बताया और कहा कि यह गर्व का विषय है कि इसकी शुरुआत नौ साल पहले विपिन कुमार जैन ने जयपुर से की थी और आज इसका संदेश पूरे देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गया है। कार्यक्रम को बर्ड फ्रीडम कैंपेन के फ़ाउंडर विपिन कुमार जैन और को फ़ाउंडर रुचिका जैन ने संबोधित किया । 

विपिन कुमार जैन ने बताया कि इस वर्ष 40 अधिक स्कूली बच्चों की एक बहुत बड़ी चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया जिसका समापन हुआ। जैन ने कहा नौवीं  वर्षगांठ के अवसर पर एक कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया गया ,कवि सम्मेलन में अनेक कवियों ने शिरकत की जिसमें सोसाइटी और स्कूली बच्चों समेत कई गणमान्य लोगों ने भाग लिया साथ ही तीन दिवसीय चित्रकला प्रदर्शनी का अवलोकन किया और बर्ड फ्रीडम कैंपेन को आगे बढ़ाने की भी शपथ ली। विपिन कुमार जैन ने बताया कि 11 सितंबर को सुबह 7 बजे से नौवाँ बर्ड फ़्रीडम कैंपेन मनाया जाएगा।

संवाददाता सम्मेलन में विपिन कुमार जैन ने बताया कि सितंबर के दूसरे रविवार को मूक परिंदों की पिंजरों से आज़ादी हेतु मनाये जाने वाले  'बर्ड फ्रीडम डे' आम जनता से इस मुहिम में जुडने की अपील करता है। इस अभियान के तहत जयपुरवासी "मैं कभी किसी पक्षी को कैद नही रखूंगा" की शपथ लेते हैं। 

“जैन के अनुसार अब तक इस अभियान से लगभग 10 लाख से ज्यादा लोग जुड़ चुके है एवम पक्षियों को कैद में नही रखने की शपथ ले चुके है। बर्ड फ्रीडम डे के संस्थापक विपिन कुमार जैन ने अभियान के बारे में विस्तार से बताया।  संस्था के अन्य सदस्य उच्च न्यायालय के अधिवक्ता ललित शर्मा और हाईकोर्ट कर्मचारी संघ के अध्यक्ष ऋतुराज शर्मा भी इस अवसर पर उपस्थित थे। 
बर्ड फ्रीडम डे के संस्थापक विपिन कुमार जैन एवम सह संस्थापक रुचिका जैन ने इस अवसर पर मीडिया को  बताया कि मूक परिंदों की आवाज़ को जन मानस तक पहुंचाने हेतु उन्होंने ये अभियान वर्ष 2014 में शुरू किया। उनका लक्ष्य इस अभियान से स्कूलों एवम सामाजिक संस्थाओं को अधिक से अधिक संख्या में जोड़ना और पक्षियों को कैद में नही रखने की शपथ दिलाना है।  पक्षियों के लिए चलाई जाने वाली इस मुहीम में  विभिन्न सामाजिक संस्थाएं भी शामिल हैं  और अपनीसहभागिता मूक परिंदों की आज़ादी की आवाज़ में शामिल करती हैं।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

देश प्रदेश की 11 हस्तियों हुई सृष्टि एचीवर्स अवार्ड से सम्मानित

समन्वय वाणी प्रकाशन के 44 वें साल पर जैन पत्रकारिता गोष्ठी सम्पन्न