हमारे संस्कार हमारी पहचान है - सुपरस्टार रश्मिका मंदाना

जयपुर। संस्कारों और आधुनिकता के बीच द्वंद को दर्शाती बालाजी मोशन पिक्चर्स की नई फिल्म "गुडबाय" से हिंदी फिल्मों में प्रवेश करने जा रही साउथ की सुपर स्टार रश्मिका मंदाना का कहना है कि हमारे प्रत्येक रीति-रिवाज और संस्कारों के पीछे एक औचित्य पूर्ण तर्क है और हमें उनको मानना चाहिए। हमारी परंपराओं के साथ हमारी पुरातन संस्कृति जुड़ी हुई है। जन्म से लेकर मृत्यु तक के सभी संस्कार अपना महत्व रखते हैं। उनका कहना था कि मुझे अपनी पहली ही फ़िल्म फ़िल्म इंडस्ट्री के महानायक अमिताभ बच्चन के साथ काम करने का अवसर मिला, यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है। रश्मिका ने बताया कि इस फ़िल्म में मैं तारा का रोल कर रही हूँ जिसकी जर्नी को ही इस फ़िल्म में दिखाया गया है। तारा कुछ खुले विचारों की आधुनिक लड़की है जिसे बेवजह के संस्कार पसंद नहीं है। लेकिन उसके पिता सभी सामाजिक व धार्मिक रीति-रिवाजों को मानने वाले हैं। तारा संस्कारों के खिलाफ नहीं बल्कि वो उनको निभाने के पीछे के तर्क को जानना चाहती है। उसकी यह जिज्ञासा ही उसके व उसके पिता के  मध्य बहस का कारण है। 

रश्मिका का कहना था कि उसकी हर फिल्म की रिलीज के बाद उसे उसके फिल्मी नाम से पहचान मिलती रही है जैसे सान्वी, एल कार्तिका, गीता, लिलि, आफ़रीन, श्रीवल्ली आदि और अब इस फ़िल्म के बाद हिंदी फिल्म जगत में शायद तारा के नाम से बुलाई जाऊं, मुझे यह सब अच्छा लगता है।

इस डेब्यू फिल्म के बाद हिंदी सिनेमा में अपनी मांग बढ़ने के सवाल पर रश्मिका ने कहा कि मैं किस्मत में विश्वास करती हूँ जो मेरा है वो मुझे जरूर मिल जाएगा।


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